Dard shayari in hindi ‘अकेलापन शायरी। ..

माँ दुनिया का वह फूल है
उसे प्यार करना ही उसका इनाम है
दुनिया की मोहब्बत बेकार है
माँ की हर दुआ कबूल होती है
इंसान, माँ को नाराज़ करना तेरी गलती है

उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं..
तेरे दिल में हूँ पर तेरे साथ नहीं..
सब कुछ है मेरे पास..
पर कोई तेरे जैसा खास नहीं”

जब मुझे चलना नहीं आता था”
लोग मुझे गिरने नहीं देते थे
जब से मैंने खुद पर काबू करना सीखा है”
लोग मुझे हर कदम पर गिराने की सोचते हैं,,

दिल तोड़ने वाले क्या जानें दिल का दर्द,
प्यार की रस्में निभाने वाले क्या जानें इस दुनिया के बारे में,
कब्र के नीचे कितना दर्द सहना पड़ता है,
ऊपर से फूल खिलाने वाले क्या जानें

दर्द को दर्द से मत देखो,,
दर्द को भी दर्द होता है,
दर्द को भी प्यार की ज़रूरत होती है,
आखिर प्यार में दर्द ही हमदर्द होता है,,,..

“प्यार के अंदाज़ अलग-अलग होते हैं
किसी ने पूरे दिल से प्यार किया और
किसी ने पूरे दिल से प्यार किया और टूट गया”

जिद्दी मत बनो, अपनी हद में रहो,
नासमझ दिल, बड़े लोग हैं,
अपनी मर्जी से याद करते हैं

खुशियाँ आपके किस्मत में होनी चाहिए”
तस्वीरों में तो हर कोई खुसी दिखाई देता है”

अरे दोस्त सुनो तुम्हारी दोस्ती मुझे जान से भी प्यारी है
हमारी दोस्ती बेमिसाल है, हमारी जोड़ी बहुत अच्छी है

कितने दर्दनाक थे वो मंजर जब हम जुदा हुए थे।
उसने कहा था ना जीना है ना रोना है।

तुम खुश रहोगी तो मैं मुस्कुराऊंगा;
तुम जहां भी रहोगी, मैं तुम्हें भूल नहीं पाऊंगा;
मेरे गम का दर्द मत लेना; क्योंकि
मैं इस दर्द में भी सुकून ढूंढ लूंगा।

फ़िज़ाओं में बिखरी है मोहब्बत की खुशबू, बहुत अकेला हूँ
मैं, चाहूँ तो कुछ पल तुम्हारे साथ बाँट लूँ,
वक़्त ने छीन लिया है मुझसे दूर, जीने का
सहारा है बस खामोशी, अब तो बस इतना ही

हम अंत में प्रवेश करते हैं लेकिन
जब हम प्रवेश करते हैं, तो
हम पूरी पार्टी को उड़ा देते हैं

सोचो मैं तुम्हारा कितना ख्याल रखता हूँ।
वरना मैं इतना स्वार्थी इंसान हूँ कि
मुझे अपनी जान से भी प्यार नहीं है

प्यार अगर एक तरफ़ा हो तो उसे प्यार नहीं कहते,
गम के साये में पुकारते नहीं,
प्यार तो मैंने भी किया था उससे,
पर खुद को महज साया बनने से रोक न पाए।

हमें जिंदगी से कोई शिकायत नहीं
हम जी तो रहे हैं पर खुश नहीं
सबने हमें बहुत दर्द दिया है
पर हम किसी से नाराज नहीं

मेरे दिल को कोई समझ ना पाया,
दुनिया ने बिना सोचे समझे मुझे दर्द दिया,
जब मैने सारे दर्द चुपचाप सहे,
तो उन्होंने मुझे पत्थर दिल कहा

मेरा नाम सुनते ही उसकी आँखों में आँसू आ गए,
अरे नहीं, यह तो मज़ाक था मेरे दोस्त,
इसके लिए तो तुम्हारी जान भी जा सकती है

                    (DOSTI SHAYARI)

वक़्त की दोस्ती तो हर कोई करता है मेरे दोस्त
मज़ा तो तब है जब वक़्त बदल जाए पर दोस्त ना बदले

दूर हो तो अहसास होता है, दोस्त के
बिना जीवन कितना उदास होता है उमर हो
आपकी सितारों जितनी लंबी,
ऐसा दोस्त कहां किसी के पास होता है

सबने कहा दोस्ती एक दर्द है,
मैंने कहा मुझे दर्द मंजूर है,
सबने कहा इस दर्द के साथ जी नहीं पाओगे,
मैंने कहा मुझे तुम्हारी दोस्ती के साथ मरना मंजूर है

ऐ दोस्त, मैं तुझे भूल जाऊँगा,
ये तेरी गलती है,
कैसे करूँ तारीफ तेरी,
तू तो खुशबूदार फूल है।

जिनकी दोस्ती सच्ची होती है
वो शिकायत कब करते हैं? जुबां
खामोश रहती है पर दिल याद रखता है

खुशी सिर्फ़ मुस्कुराने से नहीं मिलती,
ज़िंदगी सिर्फ़ समय बिताने से नहीं मिलती,
हमें खुद से ज़्यादा अपने दोस्तों का ख्याल रखना चाहिए,
क्योंकि उन्हें सिर्फ़ दोस्त कहना दोस्ती नहीं है।

मैं किसी को नहीं भूला
इस दुनिया में मेरे कई अच्छे दोस्त हैं
मेरी ज़िंदगी बस थोड़ी उलझी हुई है
दो वक्त की रोटी कमाने में

अरे दोस्त सुनो तुम्हारी दोस्ती मुझे जान से भी प्यारी है
हमारी दोस्ती बेमिसाल है, हमारी जोड़ी बहुत अच्छी है

दोस्ती से बढ़कर कोई संपत्ति नहीं,
दोस्ती से बढ़कर कोई खूबसूरत तस्वीर नहीं,
दोस्ती तो बस एक नाज़ुक धागा है,
धागे से ज़्यादा मज़बूत कोई ज़ंजीर नहीं।

वक़्त गुज़र जाएगा और हम जुदा हो जाएंगे
कौन जाने हम कहां चले जाएंगे
हम दोस्ती की परछाई हैं
तुम जहां भी अकेले होगे हम वहीं नजर आएंगे

दोस्ती सुख-दुख की कहानी का नाम है
दोस्ती का राज हमेशा मुस्कुराना है
ये कोई क्षणिक परिचय नहीं है
ये तो जीवन भर साथ निभाने का वादा है

कहते हैं भगवान ने इस दुनिया में सबके लिए कोई न कोई बनाया है
हर किसी को अपने लिए जगह ढूंढनी पड़ती है,
भगवान का इशारा है कि भगवान ने सबके लिए कोई न कोई बनाया है,
जैसे भगवान ने अपने लिए कोई न कोई बनाया है

खुशियाँ आप पर बारिश की तरह बरसती रहें
हर बूँद आपके दिल से हर गम मिटा दे

अगर मैं चला जाऊं तो मेरा इंतज़ार करना,
यूं दिल को बेचैन ना करना,
मैं जहां भी जाऊंगा लौट आऊंगा,
बस मेरी दोस्ती पर भरोसा रखना

कैसे नज़रअंदाज़ करूँ तुझे,
मैंने तुझे नज़रों में रखा है,
कैसे रोऊँ तुझे याद करके,
डरता हूँ कहीं झुककर गले लगा लूँ तुझे, तो तुझे ठेस न पहुँचे।

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